EXPOSE NEWS : सरकारी चांवल का खुलेआम हो रहा है हेराफेरी, गरीबों को मुफ्त मिलने वाला राशन खुलेबाजार में बेचकर मुनाफा कमा रहे दुकानदार और दलाल…
राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अधिकतर सरकारी राशन दुकानों के सामने दलालों का लगा रहता है जमावड़ा, राशनकार्ड धारकों से 18 से 20 रुपए में खरीदकर दुकानदार और दलाल महंगे दामों में बेच रहे हैं सरकारी चावल... जानें कैसे होता है गरीबों को मुफ्त मिलने वाले चांवल की कालाबाजारी...

(सिटी संवाददाता), रायपुर शनिवार 21 जून 2025: (The Grand Leakage News).छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश की अधिकतर सरकारी राशन दुकानों के सामने शासकीय चांवल में हेराफेरी करने वाले दुकानदारों और दलालों का डेरा जमा हुआ है। करीब 80 प्रतिशत राशन दुकानों के सामने दलाल मौजूद रहते हैं, जो पीडीएस (पब्लिक ड्रिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) से उपभोक्ताओं को सरकार की तरफ से निःशुल्क मिलने वाला सरकारी चावल 18 से 20 रुपए प्रतिकिलो की दर पर खरीदते हैं और उसे करीब 35 से 40 रुपए रुपए प्रतिकिलो की दर पर राइस मिलरों को बेच देते हैं। इस तरह गरीबों के लिए मुहैया होने वाला सरकारी अनाज सुनियोजित रूप से खुले बाजार में मुहैया हो रहा है। वहीं राइस मिलर इन सरकारी चावलों को पॉलिश कर और पतला करके, अपनी ब्रांडिंग का लेबल लगाकर बाजार में 55 से 60 रुपए प्रतिकिलो की दर पर बेचते हैं। इस तरह प्राथमिकता वाले राशन कार्ड धारियों को मुफ्त मिलने वाली चावल की कीमत किचन तक पहुंचते-पहुंचते करीब 70 रुपए प्रतिकिलो हो जाती है। राजधानी रायपुर के खुले बाजार, किराना सामग्री मिलने वाली दुकानों जिसमें गुढियारी बाजार, उरला, लाखेनगर, पुरानी बस्ती, बिरगांव, भाटागांव सहित शहर के लगभग हर क्षेत्रों में स्थित दुकानों में आपको सरकारी चावल मिल जाएगी। सरकारी चांवल की खुलेआम कालाबाजारी का पर्दाफाश हमारे रिपोर्टर द्वारा स्वयं ग्राहक बनकर किए गए सौदे के बाद हुआ है।

गौरतलब है कि राजधानी रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में पीडीएस (पब्लिक ड्रिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में बड़े पैमाने पर चांवल और केरोसिन ऑयल की हेराफेरी की जानकारी सामने आई है. सरकारी राशन की दुकान चलाने वाले लोग ही गरीबों का राशन खुले बाजार में बेचकर सीधा मुनाफा अपनी जेब में डाल रहे हैं. वहीं कई शिकायतों के बाद भी खाद्य विभाग के अधिकारी राशन दुकान की जांच और दुकानों में चांवल की हेराफेरी की जांच करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती हैं। बहरहाल आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार इस बार चांवल उत्सव तिहार मनाते हुए तीन महीने का याने जून, जुलाई, अगस्त माह का चावल एकमुश्त दे रही है। जिसमें बड़े पैमाने पर खुलेआम बाजार में सरकारी चांवल की हेराफेरी होने की संभावना है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन दुकानों के जरिये निम्न आय वर्ग के लोगों को जिसमें एपीएल राशन कार्ड धारियों को रिआयती दरों और बीपीएल कार्ड धारियों को निशुल्क चांवल मुहैया कराई जाती है. प्रदेश का पीडीएस सिस्टम पूरे देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन अब इस सिस्टम पर दीमक लगने लगा है। वहीं हजारों फर्जी राशन कार्ड भी प्रचलन में हैं। हालांकि पिछले तीन सालों में हजारों राशन कार्ड प्रशासन निरस्त कर चुका है। इसके बावजूद भी सरकारी खाद्य सामग्री की खुलेआम हेराफेरी जारी है। बहराल अब देखना यह होगा कि इस तरह का मामला प्रकाश में आने के बाद खाद्य विभाग इस पर कार्रवाई करती है कि नहीं या जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करेगी। इस संबंध में हमारे रिपोर्टर ने खाद्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर इस कालाबाजारी से अवगत कराया जिसके बाद विभागीय अधिकारियों द्वारा शीघ्र ही इसमें कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है।