(प्रशासनिक डेस्क). रायपुर, बुधवार 04 दिसंबर 2024: (The Grand Leakage News). छत्तीसगढ़ प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को निरन्तर चौथे माह भी महंगी बिजली बिल का झटका जोर से लगने लगा है। बीते जून माह में बिजली बिल के दर में बढ़ोतरी होने के बाद अब एक बार फिर अक्टूबर माह की बिजली बिल में तीन फीसदी बढ़ोतरी हो गई है। बीते जून माह से लगातार कीमत में इजाफा होने की वजह से बीते चार माह में बिजली की कीमत लगभग 17 फीसदी बढ़ी गई है। जून माह में जब बिजली का नया टैरिफ जारी हुआ था, तो उस माह की बिजली महंगी न होकर ऊर्जा प्रभार कम होने से कीमत में कमी थी। अब प्रत्येक माह बिजली की कीमत तय होने के कारण जून में ऊर्जा प्रभार यानी टैरिफ पर जो शुल्क 0.69 प्रतिशत था, वह अब अक्टूबर माह में 17.31 फीसदी हो गया है। अब दिसंबर माह में जो नवंबर माह का बिजली बिल आएगा, उसमें अक्टूबर माह की खपत के हिसाब के अंतर की राशि ली जाएगी। 100 यूनिट तक टैरिफ 3.90 रुपए प्रति यूनिट है। इसमें 17.31 फीसदी के हिसाब से अतिरिक्त पैसे लगेंगे। वहीं आगे बिजली की जितनी खपत होगी उसके टैरिफ के हिसाब से पैसे अतिरिक्त पैसे लगेंगे। लेकिन चार सौ यूनिट तक बिजली बिल हॉफ योजना के कारण पैसे आधे ही लगेंगे।
आपको बता दें कि प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए के स्थान पर उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (FPPAS) सिस्टम लागू है। पूर्व में सबसे पहले साल 2023 अप्रैल माह में प्रथम बार नया फार्मूला लागू होने पर शुल्क 5.30 प्रतिशत लिया गया। वही इसके बाद मई माह में 10.29 प्रतिशत, जून माह में 14.23, जुलाई माह में 11.43, अगस्त माह में शुल्क 10.31 फीसदी रहा। सितंबर माह एवं अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव 2023 की आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह अगस्त माह का शुल्क लिया गया। वहीं सितंबर माह और अक्टूबर माह की कीमत तय होने पर इसका समायोजन किया गया। वहीं नवंबर माह में शुल्क कम होकर 7.04 प्रतिशत हो गया। दिसंबर माह में यह शुल्क 6.30 प्रतिशत था।
जुलाई माह से निरन्तर उपभोक्ताओं को लग रहा है बिजली बिल में वृद्धि का झटका…
नए वर्ष के पहले माह ही जनवरी में यह शुल्क 6.70 प्रतिशत, फरवरी माह में 10.12, मार्च माह में 7.20 प्रतिशत, अप्रैल माह में 9.22 वहीं मई महीना में यह घटकर 9.10 फीसदी हो गया। इसके बाद जून महीने में यह और भी घटकर सबसे न्यूनतम 0.69 फीसदी हो गया था। लेकिन फिर इसके बाद जुलाई माह से निरंतर दरों में वृद्धि हो रहा है। जुलाई माह में यह 4.72 फीसदी इजाफा हुआ। यानी जुलाई महीने में बिजली बिल में चार फीसदी की वृद्धि हुई। इसके बाद अगस्त माह में एक बड़ा झटका लगते हुए 11.95 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। यानी अगस्त माह में बिजली की कीमत में 7.23 फीसदी का का बड़ा इजाफा हुआ। सितंबर माह में ऊर्जा प्रभार पर शुल्क 14.23 की वजह से इस माह 2.28 फीसदी बिजली की कीमत बढ़ी और अब अक्टूबर में ऊर्जा प्रभार पर शुल्क 17.31 प्रतिशत होने की वजह से कीमत में 3.08 फीसदी का इजाफा हो गया है।