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Happy Women’s day 2025 : महिला दिवस पर विशेष – नारी की उड़ान…

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं…

उम्मीद की किरण लेकर, नारी चली आगे,  

रात की घनघोर छाँव में, उसने रोशनी बिखेरी सजे।  

सपनों की डोर थामे, चलती है निर्भीक पथ पे,  

संघर्ष के हर मोड़ पर, गाती है विश्वास का गीत।  

उसकी मुस्कान में बसती है, साहस की अनगिनत दास्तां,  

अडिग इरादों के साथ, तोड़ती है हर बेड़ियों की खदान।  

गगन से ऊँची उड़ान है, उसकी आत्मा की पुकार,  

हर चुनौती को मात दे, बन जाए उसकी सशक्त तार। 

नारी है वो चिराग़, जो अंधेरे में भी जगमगाए,  

सशक्तिकरण की राह में, हर कदम से नयी सुबह लाए।  

वो बदल दे जहां के रंग, अपने हौसले की मशाल से,  

नारी की उड़ान निरंतर, बढ़े विश्व में उजाले के साथ से।

उसके हर सपने में छिपी है, एक नई उम्मीद की बात,  

सहनशक्ति की मूरत है वो, झुके ना जिसका जज़्बात।

धरती से अंबर तक फैली, उसकी अटूट पहचान,  

हर क्षेत्र में परचम लहराए, बने नारी की नई उड़ान।  

बाधाओं को चीर कर आगे, बढ़ती रही वो निरंतर,  

सशक्त, समर्थ, आत्मनिर्भर, बने समाज का केंद्र।  

उसकी कोमलता में बसी, शक्ति की अनोखी झलक,  

हर मुश्किल राह पर भी, रखे वो खुद पर फलक।  

नारी है सृजन की देवी, नवयुग की वो पहचान,  

विश्व के हर कोने में फैले, उसके हौसले की कमान।

हर दर्द को मुस्कान में ढालकर, आगे बढ़ती जाती है,  

अपने हौसले की आग से, नयी रोशनी लाती है।  

वो सागर सी गहरी है, तो पर्वत जैसी अडिग,  

हर मोड़ पर खुद को साबित कर, बनती है वो अनोखी।

नारी सिर्फ एक नाम नहीं, एक युग की पहचान है,  

हर दौर में उसने दिखाया, कि वह खुद में महान है।

लेखिका सुश्री गीतांजलि पंकज की कलम से…

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