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संपादकीय : अंतराष्ट्रीय मित्रता दिवस पर विशेष लेख…

लेखिका कु. गीतांजलि पंकज की कलम से..

रंग-रूप, लिंग, जात-पात, ऊँच-नीच अमीर-गरीब, इंसान या जानवर हर वर्ग एवं धर्म से परे, यदि कुछ है जो बिना स्वार्थ हर रिश्ते में अहम भूमिका निभाता है वह है मित्रता (दोस्ती) । हर सुख दुःख में, हंसी में खुशी में या आँखो की नमी में यदि कोई साथ नजर आते है वह है मित्र । हमारी सफलताओं का जश्न वो हमसे अधिक मनाते है और असफलताओं में साथ खड़े नजर आते हैं। छोटी-छोटी बातों पर मजाक बनाते हैं, जीवन के हर मोड़ पर बस निभाते जाते हैं। ऐसा बंधन जो मानवता की गहराई से आता है, कभी-कभी तो ऐसा लगता है मानो कि पता नहीं ये कब का नाता है। वैसे तो अधिकतर सामान नए पसंद आते हैं लेकिन मित्रता जितना पुराना हो उसमें उतना ही रंग आता है। ये ऐसी खुशबु है जो दिनोदिन बढ़ती है। दोस्ती का रिश्ता जीवन को अपार खुशी और अर्थ देती है। जिसमें विश्वास और अपनापन का अद्‌भुत मिश्रण है। मित्रता की मिठास जिस रिश्ते में घुल जाए उसे मीठा कर जाती है। अंतराष्ट्रीय मित्रता दिवस पर अपने अनमोल दोस्तो के महत्व को समझें और एक दूसरे को आगे बढ़ाने में मदद करें ।

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